जीव विज्ञान के तथ्य (Facts of Biology)-4
- संसार की सबसे हल्की गर्म और महंगी शहतूश का स्रोत चीरू है।
- गुणसूत्रों पर जीनों का स्थान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया आनुवांशिक नक्शा कहलाती है।
- पादप विविधता को संरक्षित करने के लिए जैव मण्डल संरक्षण का उपयोग अधिक प्रभावीशाली होता है।
- लिंग गुणसूत्र, अलिंगी गुणसूत्रों एवं माइटोकोन्ड्रिया से प्राप्त डी0एन0ए0 से प्रमाणित होता है कि मनुष्य चिम्पेंजी से अन्य होमीनॉइड कपियों की तुलना में अधिक समानता रखता है।
- मासिक चक्र के दौरान महिलाओं में अण्ड निर्माण सामान्यतः क्रम प्रसारी प्रावस्था के अन्त में होती है।
- मनुष्य के वेगस तन्त्रिका में क्षति सामान्यतः जीव्हा की गति को प्रभावित नहीं करेगी ।
- कैंसर कोशिकाएँ विकिरणों (रेडिएशन्स) द्वारा सामान्य कोशिकाओं की तुलना में जल्दी नष्ट हो जाती है क्योकि इनमें कोशिका विभाजन तीव्र गति से होता है।
- स्तनधारिओं के शरीर का एक विशिष्ट लक्षण डायफ्राम की उपस्थिति है।
- लेटराइट मिटटी में एल्यूमिनियम तत्व पाया जाता है।
- टेरारोजा मिटटी गुलाब सर्वाधिक उपयुक्त होती है।
- चिरनोजेम्स मिटटी संसार की सबसे घनी मिट्टी है
- पेट्रोल में 5 प्रतिशत एल्कोहल मिलाने की अनुमति भारत सरकार द्वारा दी गयी है।
- इलेक्ट्रान स्पिन रेजोनेन्स (ई0एस0आर0) और जीवाश्मीय डी0एन0ए0, जैव विकास के काल निर्धारण की नयी तकनीक है।
- बाहय केन्द्रकीय अनुवांशिकता माइटोकोण्ड्रिया तथा हरितलवक में उपस्थित जीनों का परिणाम है।
- मेढक के लारवा (टेडपोल) में गिल्स में की उपस्थिति इंगित करती है कि मेढक गिल्सयुक्त पूर्वजों से विकसित हुआ है।
- ओपेरिन के अनुसार ऑक्सीजन पृथ्वी के आदि वायुमण्डल में उपस्थित नही थी।
- मानव का घनिष्टतम सम्बन्धी चिम्पैन्जी है।
- ऐग्रोबैक्टीरियम ट्यूमिफेशियन्स जीवाणु का पौधे में आनुवांशिक इन्जीनियरिंग में उपयोग किया जाता है।
- कॉपर-टी का कार्य ब्लास्टोसिस्ट के आरोपण को रोकना है।
- अधिक नमक वाले अचार में जीवाणु मर जाते है क्योंकि ये जीव द्रव्यकुंचित हो जाते है, और इस तरह मर जाते है।
- वृक्कों द्वारा रूधिर के संगठन के नियन्त्रण को सन्तुलित करने की क्रिया होम्योस्टेसिस कहलाती है।
- पक्षियो में यूरिक अम्ल द्वारा उत्सर्जन शरीर के जल के संरक्षण के लिए सहायक होता है।
- स्तनधारियों में मुख्य उत्सर्जी पदार्थ यूरिया होता है।
- मनुष्य तथा स्तनियों में यूरिया का निर्माण यकृत में होता है।
- मूत्र को रखने पर उसमें से तीखी गन्ध आती है।इसका कारण है कि यूरिया का जीवाणु द्वारा अमोनिया में बदला जाना ।
- वृक्कों के अतिरिक्त उत्सर्जन में यकृत भी सहायक होता है।
- वेसोप्रेसिन मूत्र के सान्द्रण से सम्बधित है।
- कोशिका झिल्ली प्रोटीन एवं लिपिड की बनी होती है।
- माइटोकोण्ड्रिया, कोशिका का शक्ति केन्द होता है।
- मूलाग्र की एक कोशिका से 256 कोशिकाएं बनने में 8 बार समसूत्री विभाजन होता है।
- अर्धसूत्रण के विभाजन के फलस्वरूप बनी संतति कोशिकाएं मातृकोशिकाओं से भिन्न होती है क्योकि अर्धसूत्री विभाजन क्रिया के दौरान जीनविनिमय होता है।
- गुणसूत्र की संरचना में डी0एन0ए0 व प्रोटीन भाग लेते है।
- माइटोकोण्ड्रिया के अन्तःवलन क्रिस्टी कहलाते है।
- केन्द्रिका में क्रमशः प्रोटीन, आर0एन0ए0 व डी0एन0ए0 का अनुपात 85 प्रतिशत , 10 प्रतिशत व 5 प्रतिशत हेता है।
- जन्तु कोशिका में सेल्यूलोज नही पाया जाता है।
- जैव संगठन का सही क्रम, कोशिकाएँ - ऊतक - अंग - अंगतन्त्र - जीव, है।
- प्रोकैरियोटिक कोशिका, यूकैरियोटिक कोशिका से भिन्न होती है क्योंकि माइटोकोण्ड्रिया तथा गॉल्जीकाय अनुपस्थित हैं एवं केन्द्रक पर आवरण नही होता।
- इंफ्लुएंजा विषाणु, क्लोरेला एवं यीस्ट प्रोकैरियोटिक नहीं हैं।
- तेल प्रदुषण को समाप्त करने के लिए सुपरबग आनन्द चक्रवर्ती ने तैयार किया है।
- डी0एन0ए0 फिंगर प्रिंटिग के लिए भारत में विश्व प्रसिद्व विषेशज्ञ डॉ0 लालजी सिंह हैं।
- क्लोनिंग द्वारा डॉली नाम भेड़ को डॉ0 विल्मट ने तैयार किया, वे इंग्लैण्ड के वैज्ञानिक हैं।
- भारत में एन0डी0आर0आई0 करनाल के वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग द्वारा भैंस विकसित किया ।
- दो भिन्न-भिन्न प्रकार के डी0एन0ए0 अणुओं का निर्माण संयुक्त करके पुनर्योगज (रीकॉम्बीनैण्ट) डी0एन0ए0 का सर्वप्रथम निर्माण पॉल बर्ग ने सन् 1972 में किया ।
- जैव तकनीक द्वारा निर्मित इंन्सुलिन सबसे पहले बाजार में 1982 में पहुँची ।
- भारत के जैव प्रोधोगिकी विभाग द्वारा स्थापित संस्थान आई0सी0ए0आर0 है।
- पशुओं मे सबसे अधिक प्रजनन क्षमता सूअरों की होती है।
- राष्ट्रीय जैव उर्वरक विकास केन्द्र गाजियाबाद में स्थित है।
- भारत में जीन इन्जीनियरी द्वारा तम्बाकू की कीटरोधी किस्में तैयार की गयी है।
- कोलॉइडल घोल जीवद्रव्य हेता है।
- लाइसोसोम्सू पाचन केन्द्र है।
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