जीव विज्ञान के तथ्य (Facts of Biology)-3
- सूक्ष्म एवं बड़े दोनो प्रकार के जीवों मे होने वाली प्रक्रिया अवायुवीय श्वसन कहलाती है, केवल सूक्ष्म जीवों मे होने वाली क्रिया किण्वन कहलाती है।
- पत्तियों की निचली सतह स्थित रन्ध्रों द्वारा पौधो में सम्पन्न होने वाली क्रिया वाष्पोत्सर्जन कहलाती है।
- मानव शरीर के ऊतकों में ऑक्सीजन का परिसंचरण क्रमशः फेंफडें, रक्त, ऊतक क्रम में होता है।
- एक पुष्प कुछ किस्म के कीटों को नियमित तौर पर आकर्षित करता है जिससे पौधे को विकासीय लाभ प्राप्त होता है। इसका कारण है कि कीटों की कुछ प्रजातियां फूलों को खाती है एवं इससे पौधे की अन्य प्रजातियों के पराग प्राप्त होते हैं।
- क्रायोजनिक्स का उपयोग मज्जा कोशिकाओं को संरक्षित रखने में , अत्यन्त कम रक्त बहाये ऑपरेशन में, एवं खाद्य पदार्थ के संरक्षण में किया जा सकता है।
- लैमार्क ने उपार्जित लक्षणों की वंशागति का सिद्धान्त प्रतिपादित किया था ।
- पौधो को बिना मिट्टी का उपयोग किये एवं बिना जल का उपयोग किये विकसित करने की तकनीक को हाइड्रोपोनिक्स कहते है।
- त्वचा का रंग निर्धारित करने वाला वर्णक मैलेनिन पराबैगनी प्रकाश के लिए अपारदर्शक होता है।
- एकबीजपत्री पौधों की पत्तियां संकरी होती है जबकि द्विबीजपत्री पौधो की पत्तियां चौड़ी होती हैं।
- जब दो जीव एक साथ रहते हैं किन्तु इस प्रक्रिया में केवल एक जीव को लाभ होता है तो इस स्थिति को परजीविता कहते हैं।
- मानव का हदय नाशपाती के आकार का पेशीय अंग है। यह उदर गुहा के बायें भाग में स्थित होता है। यह दोनों फेफडों के मध्य में स्थित होता है। यह एक थैलीनुमा संरचना में बन्द होता है जिसे पेरीकार्डियम कहते है।
- रसाकुंचन ग्लूकोज के अणुओं को छोटे अणुओं में विखण्डित कर देती है एवं एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट की छोटी मात्रा उत्पन्न करती है।
- अग्नाशय मानव शरीर का दूसरा सबसे बडा ग्रन्थि युक्त अंग है एवं यह अन्तःस्रावी एवं बहिस्रावी दोनों प्रकार की ग्रन्थि है।
- लाइसोसोम प्रोटीन संश्लेषण के स्थल है एवं इन्हे आत्मघाती थैली के नाम से जाना जाता है।
- इम्नियोसेंटेसिस गर्भाशय के अन्दर बढ रहे बच्चे से रक्त का नमूना लेने की प्रक्रिया है एवं यह गर्भधारण के 16 वें सप्ताह में किया जाता है। इससे गर्भस्थ शिशु में किसी प्रकार की विकृति का पता चल जाता है।
- अण्डे में काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। प्रोटीन के साथ-साथ अण्डे में विटामिन बी12, लोहा एवं फॉस्फोरस भी पाये जाते है।
- इरिथ्रोसाइट्स, फफॅूद एवं वायरस कोशिका सिद्धान्ततः भिन्न होते हैं।
- मेंढक वयस्क होने पर ही फेफड़ों द्वारा सांस लेते है जबकि सरीसृप जन्म से ही फेंफडों द्वारा सांस लेते है।
- फाइलेरिया कृमि, नहरूआ (गिनी कृमि) , अंकुशकृमि(हुकवर्म) एवं पिनकृमि आदि सभी सूत्र कृमि है।
- मानव शरीर में थायराइड ग्रन्थि की कुसंक्रिया के कारण मिक्सीडीमा होता है।
- यकृतशोथ - बी (हिपेटाइटिस बी) जो यकृत को प्रभावित करता है वास्तव में एक विषाणु (वायरस) होता है।
- वनस्पति जगत में सबसे बडा बीजाण्डा, सबसे बड़े नर व मादा युग्मक व सबसे बडा वृक्ष अनावृत बीजीयों में पाया जाता है।
- सिथलिस, ट्रिपोनिमापैलिडम द्वारा फैलता है।
- किसी पौधे की शीर्षस्थ कलिका को काटने का परिणामस्वरूप पार्श्व शाखाओं की वृद्धि होती है।
- अन्तः प्रद्रव्यी जालिका कोशिका अंगक प्रोटीन के ग्लाइकोसाइलेसन से सम्बन्धित होती है।
- सी0 वी0 फ्रीश ने मधुमक्खियों की भाषा खोजी थी।
- लाइसोसोम जल अपघटक इन्जाइमों का भण्डार है । जलीय अपघटक विकारों के कारण ही इसे आत्मघाती थैली कहते हैं।
- पृथ्वी पर प्रथम जीवधारी रसायन प्रपोषित थे।
- मानव के स्वच्छ मण्डल कार्निया में रक्त का संचरण नहीं होता है।
- जीवधारियों की विविधता का कारण उत्परिवर्तन है।
- जीर्णता के लिए एब्सिसिक अम्ल हार्मोन उत्तरदायी है।
- फलों को गिरने से एन0ए0ए0 रोकता है।
- एल0एस0डी0 एक विभ्रमक (हेलूसिनोजेनिक) है।
- आमतौर पर बातचीत की दौरान ध्वनि की तीव्रता 40 से 60 डेसिबल होती है।
- पौधे की खेती के लिए मिट्टी की सबसे अनुकूल पी0एच0 6.5 से 7.5 है।
- मच्छरों के लार्वा को चुन चुन के खाने वाली मछली रोहू मछली है।
- चन्द्रमा पर जीवन न होने का कारण ऑक्सीजन की अनुपस्थिति है।
- अब तक खोजे गये जीवाश्मों के अनुसार मावन की उत्पत्ति और विकास का प्रारम्भ अफ्रीका से हुआ है।
- यदि स्तनधारियों की वृक्क नलिका में हेनले लूप होती तो मूत्र अधिक पतला हो जाता।
- लम्बे उपवास के दौरान शरीर द्वारा कार्बन पदार्थ का उपयोग निम्न क्रम में होगा : पहले कार्बोहाइड्रेट - वसा - प्रोटीन होता है।
- किसी जाति की उत्पत्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण जननात्मक पृथक्करण है।
- चावल की खेती में हरी घास की खाद की भाँति इस्तेमाल होने वाली जलीय फर्न अजोला है।
- केले का खाने योग्य भाग मध्यफल, भित्ती तथा अल्पविकसित अन्तःफल भित्ती होता है।
- खजूर का खाने योग्य भाग फलभित्ति होती है।
- कृत्रिम पेसमेकर के रोपण का केन्द्र साइयनुएट्रियलनोड होगा।
- मानव प्रदूषित वायु में श्वसन करने पर कार्बनमोनोआक्साइड की अत्यधिक मात्रा श्वास के साथ चली जाती है जिससे रूधिर में कार्बोक्सी हीमोग्लोबीन की मात्रा बढ जाती है।
- कुंजीशिला जाति एक ऐसी जाति है जो समुदाय के कुल जैव भार का सूक्ष्म भाग है परन्तु समुदाय के संगठन एवं उत्तरजीविता को अत्यधिक प्रभावित करती है।
- यूरिकोटेलिज्म पक्षियों, सरीसृपो एवं कीटों में पायी जाती है।
- आजकल जन्तु कोशिका संवर्धन तकनीक का सर्वाधिक उपयोग वैक्सीन निर्माण में होता है।
- मिथाइल आइसोसायनेट, जल से क्रिया कर विषैली गैस बनाता है।
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