अव्यय (Indeclinable)
जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, कारक आदि के कारण कोई परिवर्तन नही होता है उन्हें अव्यय(अ +व्यय) या अविकारी शब्द कहते है ।
इसे हम ऐसे भी कह सकते है- 'अव्यय' ऐसे शब्द को कहते हैं, जिसके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नही होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं। इनका व्यय नहीं होता, अतः ये अव्यय हैं।
जैसे- जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।
इसे हम ऐसे भी कह सकते है- 'अव्यय' ऐसे शब्द को कहते हैं, जिसके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नही होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं। इनका व्यय नहीं होता, अतः ये अव्यय हैं।
जैसे- जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।
अव्यय और क्रियाविशेषण
पण्डित किशोरीदास बाजपेयी के मतानुसार, अँगरेजी के आधार पर सभी अव्ययों को क्रियाविशेषण मान लेना उचित नही; क्योंकि कुछ अव्यय ऐसे हैं, जिनसे क्रिया की विशेषता लक्षित नहीं होती। जैसे- जब मैं भोजन करता हूँ, तब वह पढ़ने जाता हैं। इस वाक्य में 'जब' और 'तब' अव्यय क्रिया की विशेषता नहीं बताते। अतः, इन्हें क्रियाविशेषण नहीं माना जा सकता।
निम्नलिखित अव्यय क्रिया की विशेषता नहीं बताते-
निम्नलिखित अव्यय क्रिया की विशेषता नहीं बताते-