Friday 24 March 2017

बीरबल की खोज

कहानी : बीरबल की खोज



बीरबल बादशाह अकबर के दरबार की शोभा थे। एक बार अकबर की बीरबल से किसी बात पर कहा-सुनी हो गई। अकबर ने क्रोध में आकर उनसे दरबार से चले जाने को कह दिया। बीरबल दरबार से चल दिए। कोई उन्हें पहचान न ले, इसलिए उन्होंने किसान का वेश धारण कर लिया। घूमते-घूमते वे एक गाँव में पहुँचे। वहाँ उन्होंने देखा कि एक किसान अपने खेत में काम कर रहा था। बीरबल ने उस किसान से पूछा- ''क्या तुम मुझे काम दे सकते हो ?'' किसान दयालु था।

छन्द (Metres)

छन्द (Metres)

वर्णो या मात्राओं के नियमित संख्या के विन्यास से यदि आहाद पैदा हो, तो उसे छंद कहते है।
दूसरे शब्दो में-अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रागणना तथा यति-गति से सम्बद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्यरचना 'छन्द' कहलाती है।
छंद शब्द 'छद्' धातु से बना है जिसका अर्थ है 'आह्लादित करना', 'खुश करना।'छंद का दूसरा नाम पिंगल भी है। इसका कारण यह है कि छंद-शास्त्र के आदि प्रणेता पिंगल नाम के ऋषि थे।
'छन्द' की प्रथम चर्चा ऋग्वेद में हुई है। यदि गद्य का नियामक व्याकरण है, तो कविता का छन्दशास्त्र। छन्द पद्य की रचना का मानक है और इसी के अनुसार पद्य की सृष्टि होती है। पद्यरचना का समुचित ज्ञान 'छन्दशास्त्र' का अध्ययन किये बिना नहीं होता। छन्द हृदय की सौन्दर्यभावना जागरित करते है। छन्दोबद्ध कथन में एक विचित्र प्रकार का आह्राद रहता है, जो आप ही जगता है। तुक छन्द का प्राण है- यही हमारी आनन्द-भावना को प्रेरित करती है। गद्य में शुष्कता रहती है और छन्द में भाव की तरलता। यही कारण है कि गद्य की अपेक्षा छन्दोबद्ध पद्य हमें अधिक भाता है।

कम्प्यूटर की भाषायें (Computer Language)

कम्प्यूटर की भाषायें (Computer Language)

मनुष्य को एक-दूसरे से बातचीत करने के लिए भाषा की आवश्यकता होती है । भाषा संचार का एक साधन है। ठीक उसी तरह, कम्प्यूटर से बातचीत करने के लिए हमें कम्प्यूटर की भाषाओं की जानकारी होनी चाहिए। कम्प्यूटर भाषायें अनेक प्रकार की होती है जिनके अपने ही संकेत, कैरेक्ट और प्रयोग करने के नियम होते हैं जो की इंसान को कम्प्यूटर से बातचीत करने में सहायता करते हैं ।