वाक्य-शुद्धि (Sentence-Correction)
वाक्य भाषा की अत्यंत महत्वपूर्ण इकाई होता है। अतएव परिष्कृत भाषा के लिए वाक्य-शुद्धि का ज्ञान आवश्यक है। वाक्य-रचना में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय से संबंधित या अन्य प्रकार की अशुद्धियाँ हो सकती है। इन्हीं को आधार बनाकर परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं।
नीचे कुछ उदाहरण दिए जा रहे है-
(I) संज्ञा-संबंधी अशुद्धियाँ
(1) हिन्दी के प्रचार में आज-भी बड़े-बड़े संकट हैं। (बड़ी-बड़ी बाधाएँ)
(2) सीता ने गीत की दो-चार लड़ियाँ गायीं। (कड़ियाँ)
(3) पतिव्रता नारी को छूने का उत्साह कौन करेगा। (साहस)
(4) कृषि हमारी व्यवस्था की रीढ़ है। (का आधार)
(5) प्रेम करना तलवार की नोक पर चलना है। (धार पर)
(6) नगर की सारी जनसंख्या भूखी है। (जनता)
(7) वह मेरे शब्दों पर ध्यान नहीं देता। (मेरी बात पर)
(8) जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कथा चरितार्थ होती है। (कहावत)
(9) मुझे सफल होने की निराशा है। (आशा नहीं)
(10) इस समस्या की औषध उसके पास है। (का समाधान)
(11) गोलियों की बाढ़। (बौछार)
(2) सीता ने गीत की दो-चार लड़ियाँ गायीं। (कड़ियाँ)
(3) पतिव्रता नारी को छूने का उत्साह कौन करेगा। (साहस)
(4) कृषि हमारी व्यवस्था की रीढ़ है। (का आधार)
(5) प्रेम करना तलवार की नोक पर चलना है। (धार पर)
(6) नगर की सारी जनसंख्या भूखी है। (जनता)
(7) वह मेरे शब्दों पर ध्यान नहीं देता। (मेरी बात पर)
(8) जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कथा चरितार्थ होती है। (कहावत)
(9) मुझे सफल होने की निराशा है। (आशा नहीं)
(10) इस समस्या की औषध उसके पास है। (का समाधान)
(11) गोलियों की बाढ़। (बौछार)