जीव विज्ञान के तथ्य (Facts of Biology)-2
- नमकीन क्षेत्र में होने वाली वनस्पतियों को हैलोफाइट कहते है।
- पारिस्थितिकी तन्त्र की खाद्य शृंखला का सही अनुक्रम पादप-शाकाहारी-मांसाहारी-अपघटक है।
- पौधे का पत्ती वाला भाग श्वसन करता है।
- केला और नारियल एकबीजपत्री फल हैं।
- सिनकोना पौधे के तने की छाल से कुनैन प्राप्त की जाती है।
- बीज के अंकुरण में महत्वपूर्ण कारणों में प्रमुखतः हवा नमी एवं उपयुक्त ताप होते है। सूर्य का प्रकाश नही होता है।
- यीस्ट और मशरूम फफूँद (फंजाई) होते है।
- कीटों के वैज्ञानिक अध्ययन को एन्टोमोलॉजी कहते हैं।
- फल विज्ञान के अध्ययन को पोमोलॉजी कहते है।
- पुष्प विज्ञान के अध्ययन को फ्लोरीकल्चर कहते हैं।
- सब्जी विज्ञान के अध्ययन को ओलेरीकल्चर कहते है।
- आँख का वह भाग जिसमें वर्णांक होल होता है तथा जो किसी व्यक्ति की आँखों का रंग निश्चित करता है, उसे आइरिस भाग कहते हैं।
- अमोनिया को नाइट्रेट में बदलने में नाइट्रोसोमोनास भूमिका निभाता है।
- जीनोम चित्रण का सम्बन्ध जीन्स के चित्रण से है।
- पंतगा बारूदी सुरंगो का पता लगाने में उपयोगी होते हैं।
- एजोला नीलहरित शैवाल एवं एल्फाल्फा जैव उर्वरक के रूप प्रयोग होते है।
- गिरगिट एक आंख से आगे की ओर तथा उसी समय दूसरी आंख से पीछे की ओर देख सकता है।
- कृषि की वह शाखा जो पालतु पशुओं के चारे, आश्रय, स्वास्थ्य तथा प्रजनन से सम्बधित होती है उसे पशुपालन (एनीमल हस्बेन्ड्री) कहते है।
- जेरेन्टोलॉजी वृद्ध अवस्था के अध्ययन को कहा जाता है।
- जनसंख्या एवं मानव जाति के महत्वपूर्ण आंकड़ों के अध्ययन को जनांकिकी कहते है।
- जलीय पौधे को हाइड्रोफाइट कहते है।
- हरे फलों को कृत्रिम रूप से पकाने हेतु एसीटिलीन गैस का प्रयोग करते है।
- प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में प्रकाश ऊर्जा , रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होती है ।
- वृक्ष की आयु का वर्षों में निर्धारण उसमें उपस्थित वार्षिक वलयों की संख्या के आधार पर किया जाता है।
- सिनकोना की छाल से प्राप्त औषधि को मलेरिया के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। जिस कृत्रिम औषधि ने इस प्राकृतिक औषधि के प्रतिस्थापित किया वह क्लोरोक्विन है।
- मृदा को नाइट्रोजन से भरपूर करने वाली फसल मटर की फसल है।
- यदि जल का प्रदूषण वर्तमान गति से होता रहा तो अन्ततः जल पादपों के लिए ऑक्सीजन के अणु अप्राप्य हो जायेगें ।
- घोंसला बनाने वाला एक मात्र सर्प नागराज (किंग कोबरा) है।
- नदियों में जल प्रदूशण की माप ऑक्सीजन की घुली हुई मात्रा से की जाती है।
- शिशु का पितृत्व स्थापित करने के लिए डीएनए फिंगर प्रिंटिग तकनीक का प्रयोग किया जा सकता हैं।
- भारतीय किसान टर्मिनेट बीज प्रौधोगिकी के प्रवेष से असंतुष्ट हैं क्योकि इस प्रौद्योगिकी से उत्पादित बीजों से अंकुरणक्षम बीज बनाने में असमर्थ पौधों के उगने की सम्भावना होती है।
- मछली के मांस में बहुअसंतृप्त वसा अम्ल होते है। इसलिए इसका उपभोग अन्य पशुओं के मांस की तुलना में स्वास्थ्यकर माना जाता है।
- जीवाणु , सूक्ष्म शैवाल और कवक उद्योगों में सर्वाधिक व्यापक रूप से उपयोग में आता है।
- प्याज की खेती पौध का प्रतिरोपण करके की जाती है।
- ऑक्टोपस एक मृदुकवची (मोल्यूज) है।
- इफेड्रिन एक औषधि है जिसका उपयोग अस्थमा रोग में होता है इसे जिम्नोस्पर्म से निकाला जाता है।
- चावल की फसल के लिए नीलहरित शैवाल अच्छे जैव उर्वरक का कार्य करता है।
- रेशम का कीडा अपने जीवन चक्र के कोशित चरण में वाणिज्यिक तन्तु पैदा करता है।
- रक्त ग्लूकोज स्तर सामान्यतः भाग प्रति मिलियन (ppm) में व्यक्त किया जाता है।
- लम्बे समय तक कठोर शारीरिक कार्य के पश्चात् मांसपेसियों में थकान अनुभव होने का कारण ग्लूकोज का अवक्षय होना है।
- नीम के वृक्ष ने जैव उर्वरक , जैव किटनाशी एवं प्रजननरोधी यौगिक स्त्रोत के रूप में महत्व प्राप्त कर लिया है।
- नियासीन (बी5), राइबोफ्लेविन(बी2), थायमीन(बी1) एवं पिरीडाक्सीन सभी विटामिन जल में विलेय है।
- उदर के लगा हुआ मानव आंत का लघु ऊपरी भाग गृहणी (ड्यूओडिनम) कहलाता है।
- लोहा एन्जाइम्स को सक्रिय करता है, मैग्निशियम वसा का संष्लेशण करती है, क्लोरीन प्रकाश संश्लेशण में इलेक्ट्रानों का स्थानान्तरण करती है, नाइट्रोजन प्रोटीन का संश्लेषण करती है।
- सर्वप्रथम हार्वे ने रक्त परिसंचरण का सिद्धान्त प्रतिपादित किया था उसके बाद डार्विन का विकास सिद्धान्त प्रतिपादित हुआ था उसके बाद मेंडल का वंशागति का नियम प्रतिपादित हुआ था एवं तत्पश्चात डी ब्रीज का उत्परिवर्तन का सिद्धान्त प्रतिपादित हुआ।
- एक वयस्क मनुष्य के प्रत्येक जबडे में 16 दाँत पाये जाते है। प्रत्येक जबड़े मे दाँतों का विन्यास - एक कैनाइन, दो प्रीमोलर, दो इन्सीजर एवं तीन मोलर होता है।
- डार्विन का सिद्धान्त ‘आरिजिन ऑफ स्पीशीज‘ की व्याख्या का सही अनुक्रम अतिउत्पादन - विभिन्नताऐं- अस्तित्व के लिए संघर्ष - योग्यतम की उत्तरजीविता है।
- यदि किसी द्विबीजपत्री जड को तिरछी दिशा में काटें तो उसकी आन्तरिक संरचना में बाहर से अन्दर की ओर जो भी भाग पाये जाते है, अन्दर की ओर पाये जाने वाले भाग क्रमषः इपिडर्मिस - कार्टेक्स - पेरीसाइकिल - वेस्कुल बण्डल होता है।
- मनुष्य को विटामिन्स की जरूरत क्रमशः विटामिन के - विटामिन ई - विटामिन डी - विटामिन ए आरोही क्रम (बढ़ते हुए क्रम) में होती है
- ऊँट का औसत जीवन काल 30 वर्ष , बिल्ली का औसत जीवन वर्ष 21 वर्ष , गाय का 16 वर्ष , घोडे का 62 वर्ष होता है।
No comments:
Post a Comment