यूके, जीबी, ब्रिटेन और इंग्लैंड में अंतर
(Difference between UK, GB, Britain and England)
(Difference between UK, GB, Britain and England)
असल में इसका पूरा नाम यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉदर्न आयरलैंड है। यूके में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स आते हैं। इन चारों के समूह को ही यूके कहा जाता है।
ग्रेट ब्रिटेन
इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के संघ को ग्रेट ब्रिटेन कहा जाता है। तीनों अलग अलग प्रांत हैं। तीनों प्रांतों की अपनी संसद है लेकिन विदेश नीति और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर फैसला ग्रेट ब्रिटेन की संघीय संसद करती है। तस्वीर में बायीं तरफ इंग्लैंड का झंडा है, दायीं तरफ स्कॉटलैंड का। बीच में ग्रेट ब्रिटेन का झंडा है।
ब्रिटेन
यह नाम रोमन काल में इस्तेमाल हुए शब्द ब्रिटानिया से आया है। ब्रिटेन इंग्लैंड और वेल्स को मिलाकर बनता है। हालांकि अब सिर्फ ब्रिटेन शब्द का इस्तेमाल कम होता है। यूरो 2016 में इंग्लैंड बनाम वेल्स का मैच।
इंग्लैंड
इंग्लैंड एक देश है। जिसकी राजधानी लंदन है। स्काटलैंड और वेल्स की तरह इंग्लैंड की अपनी फुटबॉल और क्रिकेट टीम हैं। इन टीमों में दूसरे प्रांतों के खिलाड़ी शामिल नहीं होते हैं।
राजधानियां
उत्तरी आयरलैंड की राजधानी बेलफास्ट है। स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबरा है और वेल्स की राजधानी कार्डिफ है। तस्वीर में उत्तरी आयरलैंड का झंडा।
भाषा
अंग्रेजी भाषा होने के बावजूद इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स में लहजे का फर्क है। आम तौर पर मजाक में लोग एक दूसरे इलाके के लहजे का मजाक भी उड़ाते हैं।
खासियत
स्कॉटलैंड के लोगों को अपनी विश्वप्रसिद्ध स्कॉच पर गर्व है। बैगपाइपर का संगीत स्कॉटलैंड की पहचान है। वहीं आयरलैंड के लोग आयरिश व्हिस्की और बियर का गुणगान करते हैं। इंग्लैंड मछली और चिप्स के लिए मशहूर है।
मतभेद
राजस्व के आवंटन के अलावा ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड) के प्रांतों के बीच विदेश नीति को लेकर भी मतभेद रहते हैं। यूरोपीय संघ की सदस्यता को लेकर मतभेद सामने भी आ चुके हैं। अगर ग्रेट ब्रिटेन यूरोपीय संघ से निकला तो स्कॉटलैंड स्वतंत्र देश बनने का एलान कर चुका है।
ईयू से मतभेद
यूरोपीय संघ के आलोचकों का कहना है कि ईयू की सदस्यता से ब्रिटेन को आर्थिक और सामाजिक क्षति पहुंची है। तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरे करीब करीब बर्बाद हो चुके हैं। बड़ी संख्या में पोलैंड से आए प्रवासियों का मुद्दा भी समय समय पर उठता रहा है।
राजनैतिक खींचतान
यूरोपीय संघ की नीतियां सदस्य देशों को लागू करनी पड़ती हैं। चाहे वह बजट का वित्तीय घाटा हो, शरणार्थियों का मुद्दा हो या फिर मार्केट रेग्युलेशन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन इसे राजनीतिक हस्तक्षेप करार दे चुके हैं।
No comments:
Post a Comment