Indian River (भारत की नदियाँ)-2
भारत में अनेक छोटी-बड़ी नदियाँ अपनी सहायक नदियों के साथ भारत भूमि को पवित्र करते हुए बहती है। भारत की कुछ प्रमुख नदियों की जानकारी यहाँ दी गई है।
सिन्धु नदी : सिंधु नदी को इंडस नदी भी कहा जाता है। इस नदी का उद्गम तिब्बत स्थित मानसरोवर झील से हुआ है। सिंधु नदी तिब्बत, भारत तथा पाकिस्तान में बहते हुए अरब सागर में मिल जाती है। सिंधु नदी की कुल लंबाई लगभग 2880 किमी है तथा यह भारत में 992 किमी लम्बी है। सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियों झेलम , चेनाब , रावी , व्यास एवं सतलज है ।
झेलम नदी : झेलम नदी का उद्गम कश्मीर घाटी की शेषनाग झील के निकट बेरनाग नामक स्थान से हुआ है। वूलर झील में मिलने के बाद यह पाकिस्तान में प्रवेश करती हैं तथा चेनाब नदी में मिल जाती है। झेलम नदी की की कुल लंबाई 724 किमी है एवं भारत में इसकी लंबाई 400 किमी है
व्यास नदी : इस नदी का उद्गम हिमालय के रोहतांग दर्रे के समीप व्यास कुण्ड से हुआ है । यह कुल लंबाई 470 किमी तय करते हुए पंजाब में सतलज नदी में मिल जाती है।
चेनाब नदी : चेनाब नदी हिमाचल प्रदेश के लाहौल के बारालाचा दर्रे से निकलती हैं। यह पीर पंजाल के समांतर बहते हुए किशतबार के निकट पीर पंजार में गहरा गार्ज बनाती है। भारत में चेनाब नदी की लंबाई 1180 किमी है। यह पाकिस्तान में जाकर सतलज नदी में मिल जाती है।
रावी नदी : रावी नदी हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे से निकलती है एवं पाकिस्तान के मुल्तान के समीप चेनाब नदी में मिल जाती है। इस नदी की लंबाई 720 किमी है।
सतलज नदी : सतलज नदी का उद्गम तिब्बत स्थित मानसरोवर झील के निकट राक्षसताल से हुआ है। यह नदी अपने उद्गम स्थल से 1500 किमी दूरी तय करके पाकिस्तान में चेनाब नदी में मिल जाती है। भारत में सतलज नदी की लंबाई 1050 किमी है। प्रसिद्ध भाखड़ा - नागल बांध सतलज नदी पर ही बना है।
गंगा नदी : गंगा नदी का उद्गम उत्तराखण्ड के गोमुख हिमनद के निकट गंगोत्री ग्लेशियर से हुआ है। वास्तव में अलखनन्दा तथा भागीरथी नदी के देवप्रयाग मिलने पर यह गंगा नदी कहलाती है। इलाहाबाद के निकट गंगा से यमुना मिलती है जिसे संगम या प्रयाग कहा जाता है। गंगा नदी दक्षिण - पूर्व की ओर बहते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है जहां इसे पद्मा कहा जाता है। बांग्लादेश में समुद्र में मिलने से पहले ब्रह्मपुत्र नदी से मिलती है तो इसका नाम मेघना हो जाता है। गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किमी है तथा भारत मे इसकी लंबाई 2510 किमी है । गंगा नदी पश्चिम बंगाल मे विश्व प्रसिद्ध सुंदरवन का डेल्टा का निर्माण करती है। गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी यमुना, सोन, रामगंगा, घाघरा, कोसी, गंडक, इत्यादि हैं।
यमुना : यमुना नदी गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है । इस नदी का उद्गम उत्तराखण्ड के यमुनोत्री नामक ग्लेशियर से हुआ है जो बंदरपूछ पहाड़ी पर स्थित है। यमुना नदी के किनारे दिल्ली, मथुरा तथा आगरा जैसे बड़े शहर बसे हुए हैं। यह लगभग 1375 किमी का सफर तय करके इलाहाबाद के निकट प्रयाग में गंगा नदी में मिल जाती है। यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदियों में टोंस , चम्बल, बेतवा , केन , तथा काली सिंध आदि शामिल हैं। यमुना नदी को भारत की सबसे अधिक प्रदूषित नदी माना जाता है ।
चम्बल : चम्बल नदी मध्यप्रदेश के इन्दौर जिले मे स्थित महू के निकट जानापाओ पहाड़ी से निकलती है। यह नदी मध्यप्रदेश राजस्थान होते हुए उत्तर प्रदेश के इटावा जिले मे यमुना नदी में मिल जाती है। चम्बल नदी की लंबाई लगभग 950 किमी है। यह नदी बीहड़ों ( गड्ढे) का निर्माण करती है।
घाघरा : इस नदी का उद्गम मापचाचुंग ग्लेशियर से हुआ है जो तिब्बत के पठार मे स्थित हैं। यह नेपाल के मध्य से बहती है। हिमालय तथा शिवालिक श्रेणियों को पार करते समय यह राशिपानी नामक स्थान पर गहरी संक्रीर्ण घाटी का निर्माण करती है। घाघरा नदी बिहार मे छपारा के पास गंगा नदी मे मिल जाती है। इस नदी की लंबाई लगभग 1200 किमी है।
गोमती : गोमती नदी का उद्गम उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इसी नदी के किनारे बसा हुआ है। यह गाजीपुर के निकट गंगा नदी मे मिल जाती है
गण्डक : इस नदी का उद्गम नेपाल, तिब्बत की सीमावर्ती पर्वत श्रंखलाओ से हुआ है। नेपाल में इस नदी को शालीग्रमी तथा नारायणी नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश तथा बिहार की सीमा मे बहते हुए यह नदी पटना के पास गंगा नदी में मिल जाती है। गण्डक नदी की लंबाई लगभग 425 किमी है।
कोसी : कोसी नदी का उद्गम प्रारंभिक रुप में सात धाराओ से हुआ जो नेपाल, हिमालय तथा कंचनजंगा पर्वत से निकलती है। इन धाराओ मे सबसे बड़ी धारा का नाम अरुण है जो माउंट एवरेस्ट के पास से निकलती है। बिहार के मैदानी भागों मे बहते हुए यह नदी भागलपुर जिले मे गंगा नदी मे मिल जाती है। कोसी नदी की लंबाई लगभग 750 किमी है। कोसी नदी अपने मार्ग परिवर्तन एवं भयंकर बाढ़ के लिए कुख्यात है। यह प्रतिवर्ष बिहार मे जन धन की अपार क्षति पहुंचाती है इसलिए इसे बिहार का शोक कहा जाता है।
दमोदर नदी : इस नदी का उद्गम छोटा नागपुर के पठार में स्थित प्लामू पहाड़ी से हुआ है। यह झारखंड से बहती हुई पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है तथा हुगली नदी में मिल जाती है। दमोदर नदी द्वारा पश्चिम बंगाल में बांड से भारी तबाही लाती है , इसलिए इसे पश्चिम बंगाल का शोक कहा जाता है। इस नदी पर दमोदर नदी घाटी परियोजना संचालित है जो अमेरिका की टेन्सी नदी घाटी परियोजना पर आधारित है
बेतवा नदी : बेतवा नदी का उद्गम मध्यप्रदेश से होता है।यह रायसेन जिले में स्थित कुमारगाँव के निकट विंध्यांचल पर्वत से निकलती है। इस नदी की लंबाई 475 किमी है। यह उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना नदी मिल जाती है। इस नदी पर माताटीला एवं राजघाट बांध निर्मित है।
सोन : सोन नदी का उद्गम मध्यप्रदेश में स्थित अमरकंटक की पहाड़ियों से हुआ है। यह मध्यप्रदेश के रीवा एवं सीधी जिलों से बहती हुई उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है तथा पटना के समीप गंगा नदी में मिल जाती है। सोन नदी की लंबाई लगभग 775 किमी है। इस नदी पर बाणसागर परियोजना एवं रिहन्द परियोजना संचालित है।
ब्रह्मपुत्र : ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत स्थित मानसरोवर झील से हुआ है। इस नदी का उद्गम स्थल समुद्र तल से 5,150 ऊंचाई पर स्थित है। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में सांग्पो नाम से जानी जाती है तथा भारत में अरुणाचल प्रदेश से प्रवेश करने के बाद यह दिहांग कहलाती है। असम में इसे ब्रह्मपुत्र नाम से जाना जाता है तथा बांग्लादेश में इसे जमुना कहा जाता है। गंगा एवं ब्रह्मपुत्र के संगम के बाद दोनों की सम्मिलित धारा को मेघना कहा जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी की कुल लंबाई 2,900 किमी है तथा भारत में यह 916 किमी लम्बी है। इस नदी पर असम राज्य में विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप माजेली द्वीप स्थित है।
नर्मदा : यह नदी मध्यप्रदेश के विंध्याचल पर्वत में स्थित अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलती है। यह अपने उद्गम स्थान से पश्चिम की ओर 1312 किमी की दूरी तय करती हुई गुजरात में भड़ौच के निकट खंबात की खाड़ी में गिरती है। नर्मदा नदी पर डेल्टा का निर्माण नही करती यह एश्चुअरी का निर्माण करती है। इस नदी पर इंदिरा सागर परियोजना, ओंकारेश्वर परियोजना एवं सरदार सरोवर परियोजना निर्मित है।
ताप्ती : इस नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई नगर के पास हुआ है। ताप्ती नदी पश्चिम की ओर नर्मदा नदी के समानांतर बहती हुई गुजरात में सूरत के निकट खंबात की खाड़ी में गिरती है। इस नदी की लंबाई 724 किमी है।
महानदी : महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले में स्थित सिंहवा पहाड़ी से होता है। यह नदी छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा राज्य में 857 किमी बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी पर उड़ीसा राज्य में प्रसिद्ध हीराकुंड बांध बना है।
गोदावरी : इस नदी का उद्गम महाराष्ट्र के नासिक जिले से होता है। गोदावरी नदी दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी है इसकी लंबाई 1465 किमी है। अपने विशाल आकार के कारण इस नदी को दक्षिण की गंगा एवं वृद्ध गंगा नाम से जाना जाता है। यह महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के पठार को पार करती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
कृष्णा : कृष्णा नदी महाराष्ट्र के महाबलेश्वर निकट एक झरने निकलती है। यह महाराष्ट्र कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश में बहते हुए विजयवाड़ा के निकट विभिन्न शाखाओं में बंगाल की खाड़ी मिल जाती है। इस नदी की लंबाई 1400 किमी है। कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर परियोजना तथा श्री शैलम परियोजना निर्मित है।
कावेरी : कावेरी नदी का उद्गम कर्नाटक राज्य के कुर्ग जिले में स्थित ब्रम्हागिरी की पहाड़ियों से हुआ है। कावेरी नदी में प्रसिद्ध शिवसमुद्रम् जलप्रपात स्थित हैं। यह नदी 800 किमी दूरी तय करते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
क्षिप्रा : क्षिप्रा नदी मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में स्थित काकरी बरडी पहाड़ी से निकलती है। इस नदी के किनारे उज्जैन का विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर स्थित है जहाँ प्रत्येक 12 वर्षों में कुम्भ का मेला लगता है।
माही : इस नदी का उद्गम अरावली पर्वत श्रृंखला से होता है तथा यह गुजरात में खंबात की खाड़ी में गिरती है। यह नदी कर्क रेखा को दो बार काटती हैं।
सावरमती : सावरमती राजस्थान के उदयपुर में अरावली पर्वत श्रृंखला से निकलती है तथा खंबात की खाड़ी मिल जाती है। इस नदी के किनारे अहमदाबाद तथा गांधीनगर बसे हुए हैं।
सिन्धु नदी : सिंधु नदी को इंडस नदी भी कहा जाता है। इस नदी का उद्गम तिब्बत स्थित मानसरोवर झील से हुआ है। सिंधु नदी तिब्बत, भारत तथा पाकिस्तान में बहते हुए अरब सागर में मिल जाती है। सिंधु नदी की कुल लंबाई लगभग 2880 किमी है तथा यह भारत में 992 किमी लम्बी है। सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियों झेलम , चेनाब , रावी , व्यास एवं सतलज है ।
झेलम नदी : झेलम नदी का उद्गम कश्मीर घाटी की शेषनाग झील के निकट बेरनाग नामक स्थान से हुआ है। वूलर झील में मिलने के बाद यह पाकिस्तान में प्रवेश करती हैं तथा चेनाब नदी में मिल जाती है। झेलम नदी की की कुल लंबाई 724 किमी है एवं भारत में इसकी लंबाई 400 किमी है
व्यास नदी : इस नदी का उद्गम हिमालय के रोहतांग दर्रे के समीप व्यास कुण्ड से हुआ है । यह कुल लंबाई 470 किमी तय करते हुए पंजाब में सतलज नदी में मिल जाती है।
चेनाब नदी : चेनाब नदी हिमाचल प्रदेश के लाहौल के बारालाचा दर्रे से निकलती हैं। यह पीर पंजाल के समांतर बहते हुए किशतबार के निकट पीर पंजार में गहरा गार्ज बनाती है। भारत में चेनाब नदी की लंबाई 1180 किमी है। यह पाकिस्तान में जाकर सतलज नदी में मिल जाती है।
रावी नदी : रावी नदी हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे से निकलती है एवं पाकिस्तान के मुल्तान के समीप चेनाब नदी में मिल जाती है। इस नदी की लंबाई 720 किमी है।
सतलज नदी : सतलज नदी का उद्गम तिब्बत स्थित मानसरोवर झील के निकट राक्षसताल से हुआ है। यह नदी अपने उद्गम स्थल से 1500 किमी दूरी तय करके पाकिस्तान में चेनाब नदी में मिल जाती है। भारत में सतलज नदी की लंबाई 1050 किमी है। प्रसिद्ध भाखड़ा - नागल बांध सतलज नदी पर ही बना है।
गंगा नदी : गंगा नदी का उद्गम उत्तराखण्ड के गोमुख हिमनद के निकट गंगोत्री ग्लेशियर से हुआ है। वास्तव में अलखनन्दा तथा भागीरथी नदी के देवप्रयाग मिलने पर यह गंगा नदी कहलाती है। इलाहाबाद के निकट गंगा से यमुना मिलती है जिसे संगम या प्रयाग कहा जाता है। गंगा नदी दक्षिण - पूर्व की ओर बहते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है जहां इसे पद्मा कहा जाता है। बांग्लादेश में समुद्र में मिलने से पहले ब्रह्मपुत्र नदी से मिलती है तो इसका नाम मेघना हो जाता है। गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किमी है तथा भारत मे इसकी लंबाई 2510 किमी है । गंगा नदी पश्चिम बंगाल मे विश्व प्रसिद्ध सुंदरवन का डेल्टा का निर्माण करती है। गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी यमुना, सोन, रामगंगा, घाघरा, कोसी, गंडक, इत्यादि हैं।
यमुना : यमुना नदी गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है । इस नदी का उद्गम उत्तराखण्ड के यमुनोत्री नामक ग्लेशियर से हुआ है जो बंदरपूछ पहाड़ी पर स्थित है। यमुना नदी के किनारे दिल्ली, मथुरा तथा आगरा जैसे बड़े शहर बसे हुए हैं। यह लगभग 1375 किमी का सफर तय करके इलाहाबाद के निकट प्रयाग में गंगा नदी में मिल जाती है। यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदियों में टोंस , चम्बल, बेतवा , केन , तथा काली सिंध आदि शामिल हैं। यमुना नदी को भारत की सबसे अधिक प्रदूषित नदी माना जाता है ।
चम्बल : चम्बल नदी मध्यप्रदेश के इन्दौर जिले मे स्थित महू के निकट जानापाओ पहाड़ी से निकलती है। यह नदी मध्यप्रदेश राजस्थान होते हुए उत्तर प्रदेश के इटावा जिले मे यमुना नदी में मिल जाती है। चम्बल नदी की लंबाई लगभग 950 किमी है। यह नदी बीहड़ों ( गड्ढे) का निर्माण करती है।
घाघरा : इस नदी का उद्गम मापचाचुंग ग्लेशियर से हुआ है जो तिब्बत के पठार मे स्थित हैं। यह नेपाल के मध्य से बहती है। हिमालय तथा शिवालिक श्रेणियों को पार करते समय यह राशिपानी नामक स्थान पर गहरी संक्रीर्ण घाटी का निर्माण करती है। घाघरा नदी बिहार मे छपारा के पास गंगा नदी मे मिल जाती है। इस नदी की लंबाई लगभग 1200 किमी है।
गोमती : गोमती नदी का उद्गम उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इसी नदी के किनारे बसा हुआ है। यह गाजीपुर के निकट गंगा नदी मे मिल जाती है
गण्डक : इस नदी का उद्गम नेपाल, तिब्बत की सीमावर्ती पर्वत श्रंखलाओ से हुआ है। नेपाल में इस नदी को शालीग्रमी तथा नारायणी नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश तथा बिहार की सीमा मे बहते हुए यह नदी पटना के पास गंगा नदी में मिल जाती है। गण्डक नदी की लंबाई लगभग 425 किमी है।
कोसी : कोसी नदी का उद्गम प्रारंभिक रुप में सात धाराओ से हुआ जो नेपाल, हिमालय तथा कंचनजंगा पर्वत से निकलती है। इन धाराओ मे सबसे बड़ी धारा का नाम अरुण है जो माउंट एवरेस्ट के पास से निकलती है। बिहार के मैदानी भागों मे बहते हुए यह नदी भागलपुर जिले मे गंगा नदी मे मिल जाती है। कोसी नदी की लंबाई लगभग 750 किमी है। कोसी नदी अपने मार्ग परिवर्तन एवं भयंकर बाढ़ के लिए कुख्यात है। यह प्रतिवर्ष बिहार मे जन धन की अपार क्षति पहुंचाती है इसलिए इसे बिहार का शोक कहा जाता है।
दमोदर नदी : इस नदी का उद्गम छोटा नागपुर के पठार में स्थित प्लामू पहाड़ी से हुआ है। यह झारखंड से बहती हुई पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है तथा हुगली नदी में मिल जाती है। दमोदर नदी द्वारा पश्चिम बंगाल में बांड से भारी तबाही लाती है , इसलिए इसे पश्चिम बंगाल का शोक कहा जाता है। इस नदी पर दमोदर नदी घाटी परियोजना संचालित है जो अमेरिका की टेन्सी नदी घाटी परियोजना पर आधारित है
बेतवा नदी : बेतवा नदी का उद्गम मध्यप्रदेश से होता है।यह रायसेन जिले में स्थित कुमारगाँव के निकट विंध्यांचल पर्वत से निकलती है। इस नदी की लंबाई 475 किमी है। यह उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना नदी मिल जाती है। इस नदी पर माताटीला एवं राजघाट बांध निर्मित है।
सोन : सोन नदी का उद्गम मध्यप्रदेश में स्थित अमरकंटक की पहाड़ियों से हुआ है। यह मध्यप्रदेश के रीवा एवं सीधी जिलों से बहती हुई उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है तथा पटना के समीप गंगा नदी में मिल जाती है। सोन नदी की लंबाई लगभग 775 किमी है। इस नदी पर बाणसागर परियोजना एवं रिहन्द परियोजना संचालित है।
ब्रह्मपुत्र : ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत स्थित मानसरोवर झील से हुआ है। इस नदी का उद्गम स्थल समुद्र तल से 5,150 ऊंचाई पर स्थित है। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में सांग्पो नाम से जानी जाती है तथा भारत में अरुणाचल प्रदेश से प्रवेश करने के बाद यह दिहांग कहलाती है। असम में इसे ब्रह्मपुत्र नाम से जाना जाता है तथा बांग्लादेश में इसे जमुना कहा जाता है। गंगा एवं ब्रह्मपुत्र के संगम के बाद दोनों की सम्मिलित धारा को मेघना कहा जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी की कुल लंबाई 2,900 किमी है तथा भारत में यह 916 किमी लम्बी है। इस नदी पर असम राज्य में विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप माजेली द्वीप स्थित है।
नर्मदा : यह नदी मध्यप्रदेश के विंध्याचल पर्वत में स्थित अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलती है। यह अपने उद्गम स्थान से पश्चिम की ओर 1312 किमी की दूरी तय करती हुई गुजरात में भड़ौच के निकट खंबात की खाड़ी में गिरती है। नर्मदा नदी पर डेल्टा का निर्माण नही करती यह एश्चुअरी का निर्माण करती है। इस नदी पर इंदिरा सागर परियोजना, ओंकारेश्वर परियोजना एवं सरदार सरोवर परियोजना निर्मित है।
ताप्ती : इस नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई नगर के पास हुआ है। ताप्ती नदी पश्चिम की ओर नर्मदा नदी के समानांतर बहती हुई गुजरात में सूरत के निकट खंबात की खाड़ी में गिरती है। इस नदी की लंबाई 724 किमी है।
महानदी : महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले में स्थित सिंहवा पहाड़ी से होता है। यह नदी छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा राज्य में 857 किमी बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी पर उड़ीसा राज्य में प्रसिद्ध हीराकुंड बांध बना है।
गोदावरी : इस नदी का उद्गम महाराष्ट्र के नासिक जिले से होता है। गोदावरी नदी दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी है इसकी लंबाई 1465 किमी है। अपने विशाल आकार के कारण इस नदी को दक्षिण की गंगा एवं वृद्ध गंगा नाम से जाना जाता है। यह महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के पठार को पार करती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
कृष्णा : कृष्णा नदी महाराष्ट्र के महाबलेश्वर निकट एक झरने निकलती है। यह महाराष्ट्र कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश में बहते हुए विजयवाड़ा के निकट विभिन्न शाखाओं में बंगाल की खाड़ी मिल जाती है। इस नदी की लंबाई 1400 किमी है। कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर परियोजना तथा श्री शैलम परियोजना निर्मित है।
कावेरी : कावेरी नदी का उद्गम कर्नाटक राज्य के कुर्ग जिले में स्थित ब्रम्हागिरी की पहाड़ियों से हुआ है। कावेरी नदी में प्रसिद्ध शिवसमुद्रम् जलप्रपात स्थित हैं। यह नदी 800 किमी दूरी तय करते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
क्षिप्रा : क्षिप्रा नदी मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में स्थित काकरी बरडी पहाड़ी से निकलती है। इस नदी के किनारे उज्जैन का विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर स्थित है जहाँ प्रत्येक 12 वर्षों में कुम्भ का मेला लगता है।
माही : इस नदी का उद्गम अरावली पर्वत श्रृंखला से होता है तथा यह गुजरात में खंबात की खाड़ी में गिरती है। यह नदी कर्क रेखा को दो बार काटती हैं।
सावरमती : सावरमती राजस्थान के उदयपुर में अरावली पर्वत श्रृंखला से निकलती है तथा खंबात की खाड़ी मिल जाती है। इस नदी के किनारे अहमदाबाद तथा गांधीनगर बसे हुए हैं।
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