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Wednesday, 15 March 2017

इस घर में

कविता : इस घर में



इस घर में रहती है मोलू
मोलू है बस गोलू-मोलू।
हिलाती रहती नन्ही पूँछ,
दो बालों की उसकी मूँछ।
लब-लब-लब-लब पीती दूध,
खिड़की से फिर जाती कूद।

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