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Tuesday, 15 October 2019

#Ri_Ca_Ja

मैं यदा कदा कविता कहानी शायरी चुटकुले आदि पोस्ट करता रहता हूं उसका भी संबंध किसी से न होकर बस मन आने वाले खयालों को यहां लिख देता हूं और इसके अलावा मुझे कुछ पोस्ट करने का शौक भी नहीं है पहले तो ये सब लिखने का मुझे कोई शौक नहीं है और न ही मैं कोई मठाधीश हूं जो अपनी प्रसिद्धि के लिए ये सब लिखता रहूं। कुछ लोगों के द्वारा रोज ही नया दर्द मिल रहा है और उस दर्द से मुक्ति के लिए ये लिखना बिल्कुल जरूरी हो गया। और जिनको भी मैं या मेरी पोस्ट गलत लगे वो मुझे विदा कर कर सकते हैं।

आइए इस कथा में हम सबसे पहले ताजा चल रहे प्रसंग की बात करते हैं फिर आगे आने वाले पीछे के संदर्भ को व्याख्यायित करेंगे। बात 13 अक्टूबर शाम की है। घुमक्कड़ी दिल से में कुमार ललित ऊर्फ ललित शर्मा का लाइव इंटरव्यू चल रहा था। तभी किसी बंधु ने #Ri_Ca_Ja नाम के आईडी से ये पूछा कि यात्रा वृत्तांत आजकल ज्यादा ब्लाॅग, फेसबुक आदि जैसे डिजिटल माध्यम पर ही लिखा जा रहा है, तो क्या पुस्तकों में लोगों की रुचि कम हो गई है या फिर पुस्तक रूप में छापना महंगा है और लोग खरीदते भी नहीं तो इस बात पर आप क्या कहते हैं कि हमें डिजिटल पर ही ध्यान देना चाहिए या पुस्तकों की ओर लौटना चाहिए?

इस पर इंटरव्यू लेने वाले ने इंटरव्यू देने वाले को ये कहा कि एक प्रश्न इस प्रकार का आया है तो इंटरव्यू देने वाले ने ये कहकर कि ये किसी का फेक आईडी है, प्रश्न का उत्तर देने से मना कर दिया। पर नाम पढ़ते ही आपने ये पता लगा लिया कि ये फेक आईडी है और जवाब नहीं देंगे। मतलब नाम से ही फेक का पता लग गया तो कहीं वो फेक आप ही तो नहीं जो कि सहानुभूति लेने के लिए फेक आईडी बनाकर किसी को बिठा दिए हों या फिर कहीं वो लोग ही तो नहीं जो आपके इंटरव्यू पर चटकारे लेकर कमेंट कर रहे थे, तो थोड़ा मजा लेने के लिए ऐसा किया हो। उसके बाद कुमार ललित साहब साक्षात्कार खत्म करके चले गए।

वो फेक आईडी वाला कौन था, क्या वो साक्षात्कार देने वाले द्वारा बिठाया गया चमचा कनस्तर था जिससे सहानुभूति मिल सके, या फिर साक्षात्कार देने वाले लोगों के भक्त लोग ही ऐसा किए कि ऐसी आईडी बनाकर ऐसा करते हैं जिससे हम मीठे रह जाएं और मीठे रहकर जहर भी पिला दें। या फिर कोई तीसरा था और तीसरा था भी तो आखिर वो तीसरा क्यों था? ये सारे सवाल अनसुलझे ही रहे गए। और साथ ही क्या वो सवाल इतना कठिन था जो उस व्यक्ति ने पूछा। अब सवाल कठिन था या उसका उत्तर ही नहीं हो सकता ये तो प्रभु की माया प्रभु ही जानें।

वैसे आजकल ये परंपरा देखने को खूब मिल रही है कि सबसे प्रिय ही घर में चोरी कर लेता है और फिर रात-दिन साथ साथ चोरी हुए सामान की बरामदगी के लिए साथ में भूखे-प्यासे भटकता रहता है और बाद में वही आदमी सामान खोजकर निकालता है और फिर मिट्ठू बन जाता है। और बाद में अपना काम निकलवाता है, तो हो सकता है कि यहां भी वैसी ही बात रही हो, कि किसी प्रिय ने ही यह हरकत की हो कि बाद में उस नाम को डिकोड करके प्रिय होने की वाहवाही लूटेंगे।

पर कुछ खास भक्त लोग उस #Ri_Ca_Ja नाम को कोडिंग डिकोडिंग करने लगे और उस #Ri_Ca_Ja आईडी का संदर्भ लोगों ने _ah_ _hlat_ _ _बनाया और फिर उसका पूरा रूप कमेंट में लोगों ने #Rahi_Chalta_Ja बनाया, और #Rahi_Chalta_Ja का संबंध मेरे ब्लाॅग से है। तो यहां कुछ कहने की जरूरत नहीं कि कोडिंग डिकोडिंग वाले कहना क्या चाहते हैं, सब कुछ मेघालय के डाॅकी नदी के पानी की तरह स्पष्ट है। फिर तो कल तो उन लोगों घर में चोरी डकैती हो जाए, कोई उन लोगों के मुंह पर कालिख पोत जाए (इस पंक्ति को हम गंदे शब्दों में भी लिख सकते थे पर हम उस तरह के नहीं जो गंदे शब्दों का प्रयोग करे) तो क्या कोडिंग डिकोडिंग करके मेरा नाम निकालोगे। चलो अब पूछता हूं कि उस आईडी ने जो सवाल किए थे क्या वो गलत था। एक सवाल जो अच्छा था उसका जवाब देने में ही अधमरे हो गए या पानी का गिलास पास में नहीं था इसलिए जवाब नहीं दे सके ये तो वही जानें।

इस बात पर हम यही कह सकते हैं कि देखते ही पता लग गया कि ये फेक आईडी है और लोगों ने राॅ एजेंट और सीबीआई वाले की तरह डिकोड भी कर लिया। कहीं ऐसा तो नहीं कि डिकोड करने वाले ने ही किसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर वो आईडी बनाया हो कि इस तरह से करके किसी को अपमानित करने का मौका मिलेगा, या फिर जिस व्यक्ति का साक्षात्कार चल रहा था उस व्यक्ति को कुछ सहानुभूति चाहिए होगा तो इस तरह के हथकंडे अपनाया हो। 

तो असल बात ये है कि तुम कुछ भी करो या करवाओ पर उस बात का संबंध तीसरे से नहीं जोड़ो वरना तीसरा तो संबंध जोड़ने से ऐसे ही दुखी हो जाएगा और मरता क्या न करता वाली बात पर वो भी कुछ कर सकता है। कोई इस दुनिया में पंगु, अपाहिज तो है नहीं कि जवाब न दे सके, पर कुछ लोगों की सम्मान की खातिर, तो कभी तनाव से दूर रहने की खातिर जवाब नहीं दे पाता इसका मतलब ये नहीं कि वो जवाब देने में असमर्थ है। उसे तनाव जवाब देकर भी मिलेगा और बिना जवाब दिए भी वो तनाव में ही रह रहा है तो जवाब देना बन ही जाता है।

इसे पढ़कर कोई ये न कहे कि डिकोड में आपका नाम तो नहीं लिखा गया तो फिर आप क्यों तनाव में है तो बात सीधा और स्पष्ट है कि अगर कोई मोदी को गाली दे रहा है तो समझिए कि बीजेपी को गाली दे रहा है और बीजेपी को गाली दे रहा है मोदी को भी गाली दे रहा है। वैसे ही डिकोड करके जो शब्द बनाया गया है वो है #Rahi_Chalta_Ja और #Rahi_Chalta_Ja मेरे ब्लाॅग का नाम है तो अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष जो भी कहें संबंध मुझसे निकाला जा रहा है।

इस भाग में इतना ही। अगला भाग भी जल्दी ही।

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